नमस्कार दोस्तो ,
मैं सन्नी कुमार आपका तहे दिल से Eenfnety प्रोडक्शन्स चैनल में स्वागत करता हूं।
जिस प्रकार दिल्ली पर पटाखों का गुब्बार फूटा है , वो देख के तो यही लगता है की जल्द ही दिल्ली इंसानी प्रजाति के लिए दुख का कारण बनेगी ।
१३ नवंबर की रात पटाखे बैन होने के बावजूद प्रशासन सोई रही , न कोई कारवाई हुई न कोई मुकदमा , यहां तक कि खुद कई सरकारी अफसरों ने इस बैन का पालन नहीं किया ।
ये अल्टीमेटम बोहोत नाजुक था और सरकार ने भी ज्यादा कमर न कसी ।
जिसके कारण दिल्ली दिवाली के बाद २१७ से सीधे ३२२ पहुंच गई ।
दिल्ली के प्रदूषण का ये नया दौर नही है दोस्तो इससे पहले ३१२ २०२२, ३७२ २०२१ और सबसे ज्यादा ४३१ २०१६ में ।
इस मीटर को देखे तो आपको पता चलेगा की क्या हालात है हमारे कैपिटल सिटी की , ये तो कुछ भी नही इसी बार १३ नवंबर की रात को लोगो के पटाखे जलाने के साथ aqi index ९९९.९ पर चला गया था , आप अंदाजा लगाइए अगर आप सिगरेट नहीं पीते है , तो भी दिल्ली में आप रहकर रोज २० से २५ सिगरेट आराम से पी रहे है , और यही नहीं दोस्तो इसके साथ ही लोगो की १०० साल की आयु की उमर घटकर सिर्फ ४० साल रह गई है दिल्ली में ,
लेकिन अगर देखा जाए तो सिर्फ दिल्ली ही नहीं , भारत के कई और शहर के यही हालत है जैसे की हुमानगढ, भटिंडा , बेगूसराय ,भिवाड़ी,नारनौल, और भी कई शहर ।
दुनिया की रेस में भी भारत पीछे नहीं है ,
Top १० में २ भारत के शहर जगह बनाए हुए है , दिल्ली १ पर है , सोच कर अजीब नही लगता दोस्तो की सरकार ये सब देख कैसे रही है , ये बस क्या दिवाली से जलाए पटाखे को बैन करने से समस्या का समाधान निकाल जायेगा ।
जिस प्रकार हम प्रदूषण को कम करने की तकनीकें अपना रहे है , बस वही काफी नही है हमारे जीने के तौर तरीको के लिए , जितना स्मार्ट ये दुनिया होता जा रहा है , उतने पीछे ही लोग होते जा रहे है टेक्नोलॉजी के मामले में , इसलिए हमारी टीम आपके लिए लेकर आई है Eenfnety Store हो की आपके जीवन को बनाए आसान और सुनहरा , अब eenfnety स्टोर पर पाए सिर्फ अमेजिंग प्रोडक्ट्स सबसे कम दाम और बेहतरीन फिनिशिंग के साथ चुनिए eenfnety अमेजिंग products और बनिए स्मार्ट ।
चलिए अब आगे बढ़ते है
इस लिस्ट को आप देखेंगे तो आपको पता लगेगा कि किस फील्ड से कितना पॉल्यूशन होता है , अब लोग कहेंगे सरकार कंस्ट्रक्शन साइट और गाड़ियां क्यों नही बैन कर देती , आप लिस्ट को अच्छे से देखेंगे तो आपको पता लगेगा की ६०% पोल्शन सिर्फ कंस्ट्रक्शन और ट्रांसपोर्ट से हो रही है , तो क्यों न गाड़ियों को ही बैन कर दिया जाए , नही ये क्विक डिसीजन ठीक नहीं होगा जल्दीबाजी में लिया फैसला हमेशा गलत ही होता है , तो फिर सवाल है क्या किया जाए ,
सरकार को ये करना चाहिए की जितनी भी ओवरपॉपुलेटेड स्ट्रीट है उसको कार फ्री किया जाए जो भी बड़े एरिया है जहा लोग बोहोत ज्यादा आते है और काम लगा रहता है उसे बस लोगो के लिए खोल दिया जाए , इससे होगा ये दोस्तो की जो भी ओवरक्राउडिंग होती थी वो बंद हो जाएगी और कार्बन एम्मिसन काम होगा । दूसरा तरीका है कि कार को ही बैन कर दिया जाए और पैसेंजर व्हीकल्स को अपनाया जाए ,
ये ग्राफ में आप देख कर समझ सकते है की किस तरह २०० लोग कितनी कम जगह में एडजस्ट कर सकते है और साथ ही पॉल्यूशन की कमी भी होगी ।
सबसे बड़ा कारण कार से कार्बन एम्मिसन नही है दोस्तो बल्कि टायर और सड़क के घर्षण से जो पार्टिकल्स बन रहे है वो ही पॉल्यूशन के सबसे बड़े कारण बने हुए है
आप इस रिपोर्ट में देख सकते है ,
और अगर हम दिल्ली की बात पर लौटे तो छठ का पावन सप्ताह घुस चुका है ,और यमुना के घाटों की भी सफाई शुरू हो गई है , लेकिन क्या है इस पानी में क्या वो छठ की पावन पर्व की तरह शुद्ध है , अगर देखे तो बिल्कुल नही , हमारे और छठ की बात करे तो दोस्तो अगर कोई व्रती छठ पर्व कर रहा है तो अगर वो कोई मल मूत्र कर दे तो यहां उन्हें दुबारा नहाना पड़ता है , लेकिन शहरों का क्या वहा तो लोग मल मूत्र वाले पानी में डुबकी लगाकर छठ करने को बेबस है , अब किया भी क्या जाए दोस्तो जैसी प्रीत वैसी रीत ।
आशा करता हु आपको ये वीडियो जरूर पसंद आया होगा , लाइक,सब्सक्राइब,और कॉमेंट करना न भूले, और साथ ही आप अपने दोस्तों के साथ ये वीडियो जरूर शेयर करे उनकी राय भी जानिए की पटाखे बैन हो सकते है तो सरकार गाड़ियां भी बन करे जागरूक बनिए , शुद्ध सांस लीजिए और वातावरण को बचाइए ।
जय हिंद 🇮🇳
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